Tuesday, July 6, 2010

हाइकु कविताऐँ...

1. रोती हुई बच्ची
हाथ मेँ गुङिया पकङे
माँ को ढूँढ रही है।

2. पत्तोँ पर ठहरी
ओस की बूँदेँ
मोती सी चमकेँ।

3. घूँघट मेँ चेहरा
कमर मेँ बच्चा,
एक रूप नारी का।

4. रेत पर कभी
टिकते नहीँ
पैरोँ के निशान।

5. हवा से पूछे
व्याकुल गोरी
पिया की खबर।

6. गाँव के बाहर
एक खण्डहर है,
जो कभी घर था।

7. वो चले गई
पर छोङ गई
कई अधूरी कहानियाँ।

4 comments:

  1. haiku kavitaye hamesh 17 aksharo me likhi jati hai...pa.hli pnkti 5 dusari 7 fir teesari pankti 5 akshar ki hoti hai...!!

    fir bhi sundar bhav hai..!! shubhkamnaye...!!

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  2. dilchasp.......sabse achha pahla haaiku laga...

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  3. घूँघट मेँ चेहरा
    कमर मेँ बच्चा,
    एक रूप नारी का।

    yah roop achhaa lagaa !

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