तुम्हारे सिवा बाकि नहीं रही
मेरी कोई और अभिलाषा...
मेरे सपनों की कल्पना भी जैसे
दूर तक भटकने के बाद,
तुम पर ही आकर ठहर सी गयी है...
शायद तुम्हारा स्पर्श ही
मेरे सपनों को यथार्थ बनाता है...
मेरे जीवन-संगीत का सुर भी
तुम्हें सोच कर, तुम्हें चाह कर
छेड़ देता है एक मधुर तान...
शायद तुम्हारा ख्याल ही मेरे
सुरों को संगीत देता है
और मेरे जीवन को झंकृत करता है...
सावन में बरसता रिमझिम पानी,
जैसे पल भर में मिटा देता है
बरसों से अतृप्त धरती की प्यास को,
तुमने भी कुछ वैसे ही
भिगो दिया है मेरा सूखा आँचल...
शायद मेरे मन की अतृप्त प्यास को
तुम्हारे सिवा कोई समझ नहीं सकता...
हर एक क्षण में तुम्हारा व्यक्तित्व
मुझे अचंभित करता है...
न जाने क्यूँ एक अलग सा खिंचाव,
एक अलग सा सम्मोहन है तुम में...
जबकि तुम्हारी आँखों में
कोई रहस्य नज़र नहीं आता...
वहां बस एक मासूम सी, शोखी ली हुयी
चंचलता नज़र आती है...
शायद तुम्हारी यही चंचलता
जीवन में नयी चमक देती है
और मेरे भीतर के बचपन को
कभी मरने नहीं देती...
हाँ मुझे है तुम्हारी अभिलाषा,
क्योंकि तुम्हारा साथ कभी भी
मुझे भटकने नहीं देता...
तुम्हारा कोमल सा, नरम सा स्पर्श
मुझे कोई तकलीफ नहीं देता...
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
मुझे कभी शुन्य नहीं होने देता...
शायद ये तुम्हारी अभिलाषा ही है,
जो मेरे जीवन को संपूर्ण बनाती है...
शायद ये तुम्हारी अभिलाषा ही है,
ReplyDeleteजो मेरे जीवन को संपूर्ण बनाती है...
बहुत सुन्दर भावाव्यक्ति।
हाँ मुझे है तुम्हारी अभिलाषा,
ReplyDeleteक्योंकि तुम्हारा साथ कभी भी
मुझे भटकने नहीं देता...
कोमल मन की खूबसूरत अभिव्यक्ति शुभकामनायें
बहुत ही सुंदर एहसासों के संग आपने अपनी अभिलाषा को मूर्त स्वरुप दिया है.....भावनाओं का आदान प्रदान उतम है......सुंदर और कोमल रचना......।
ReplyDeleteबहुत ही सुंदर रचना है आपकी,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
बेहद खूबसूरत ।
ReplyDeleteसादर
तुम्हारा मेरे जीवन में होना
ReplyDeleteमुझे कभी शुन्य नहीं होने देता...
शायद ये तुम्हारी अभिलाषा ही है,
जो मेरे जीवन को संपूर्ण बनाती है...
बेहद खूबसूरत अभिव्यक्ति शुभकामनायें । .....
अद्भुत खूबसूरत रचना! आपकी लेखनी की जितनी भी तारीफ़ की जाए कम है!
ReplyDeleteकल 26/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
ReplyDeleteधन्यवाद!
खूबसूरत अभिव्यक्ति
ReplyDeletebhaut hi khubsurati se prstuti ki aapne abhilasha....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर भावाव्यक्ति
ReplyDeleteजय हो
ReplyDeleteशायद ये तुम्हारी अभिलाषा ही है,
ReplyDeleteजो मेरे जीवन को संपूर्ण बनाती है...
खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
सादर,
डोरोथी.
बहुत सुंदर
ReplyDeletevery nice poem.
ReplyDeletesunder bhav ki sunder prastuti
ReplyDeletesaraahna ke aap sabhi ka hardik dhanyawaad...
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