आख़िर हो ही गयी
हमारे रिश्ते की इंतहा
और थोड़ी सी जुटा के हिम्मत
तुम्हारे मन ने भी कह दिया
"अब मुझे जाने दो..."
मैंने चाहा था ये
कि तुम्हें रोक सकूँ
ताकि रुक जाये
एक ऐसी वजह जीने के लिए,
जो ज़रूरी थी
मेरी साँसों के लिए भी...
लेकिन,
मुझसे रोका ना जा सका तुम्हें,
ना ही जता पायी
मैं तुम पर अपना हक़
और खड़ी हो गयी चुपचाप
मुँह फेर के तुमसे...
शायद,
कहीं मन के किसी कोने में
दबा हुआ सा डर
रहा हरदम हावी
कि कहीं मेरे आँखों की नमी
तुम्हें भी बहा न ले जाये...
तुम चले गये
बिना कोई आहट किये
मेरी दुनिया से कहीं दूर
और मैं खड़ी रही
उसी तरह उसी मोड़ पर,
तुम्हारी यादों का
उफ़नता हुआ सैलाब लिए...
आख़िर बनना था मुझे
ख़ुद एक बाँध
ख़ुद की भावनाओं के लिए,
ताकि बचा सकूँ मैं तुम्हें
अपनी भावनाओं के सैलाब में
डूब के बर्बाद हो जाने से...
और फिर इस तरह
सैलाब को रोकने के लिए
मेरे ख़ुद के बने बाँध ने
मुझे जाने-अनजाने बना डाला
एक ठहरी हुयी नदी...
हमारे रिश्ते की इंतहा
और थोड़ी सी जुटा के हिम्मत
तुम्हारे मन ने भी कह दिया
"अब मुझे जाने दो..."
मैंने चाहा था ये
कि तुम्हें रोक सकूँ
ताकि रुक जाये
एक ऐसी वजह जीने के लिए,
जो ज़रूरी थी
मेरी साँसों के लिए भी...
लेकिन,
मुझसे रोका ना जा सका तुम्हें,
ना ही जता पायी
मैं तुम पर अपना हक़
और खड़ी हो गयी चुपचाप
मुँह फेर के तुमसे...
शायद,
कहीं मन के किसी कोने में
दबा हुआ सा डर
रहा हरदम हावी
कि कहीं मेरे आँखों की नमी
तुम्हें भी बहा न ले जाये...
तुम चले गये
बिना कोई आहट किये
मेरी दुनिया से कहीं दूर
और मैं खड़ी रही
उसी तरह उसी मोड़ पर,
तुम्हारी यादों का
उफ़नता हुआ सैलाब लिए...
आख़िर बनना था मुझे
ख़ुद एक बाँध
ख़ुद की भावनाओं के लिए,
ताकि बचा सकूँ मैं तुम्हें
अपनी भावनाओं के सैलाब में
डूब के बर्बाद हो जाने से...
और फिर इस तरह
सैलाब को रोकने के लिए
मेरे ख़ुद के बने बाँध ने
मुझे जाने-अनजाने बना डाला
एक ठहरी हुयी नदी...
नदी कब ठहर पाई है । फिर गति मिलेगी और वेग भी ,बस नई हवाओं का झोंका आने की देर है ।
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना शनिवार 08/02/2014 को लिंक की जाएगी............... http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
ReplyDeleteकृपया पधारें ....धन्यवाद!
Shukriya
ReplyDeleteबेहतरीन अभिवयक्ति.....
ReplyDeleteबेहद गहरे अर्थों से लबरेज़ रचना..
ReplyDeleteलाजवाब
ReplyDeleteबहुत खू़ब।
ReplyDeleteWah ati sundar :)
ReplyDeleteNice lines :)
Bahut khoobsoorat andaaz ... sunder prastuti !!!
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