Saturday, August 7, 2010

जीवन-रेखा...

तय नहीं है कुछ
जीवन की रूप-रेखा,
कैसे लिखा गया है
मेरी जीवन का लेखा...

नहीं पता कि कहाँ छूटा
वो बचपन का बसेरा,
और ना है अंदाज़ा कि
कहाँ होगा कल को डेरा...

दिल हो जाता है उदास
ना चाहते हुए भी यूँ ही,
अकेलेपन से हो गया प्यार
महफ़िलों में भी यूँ ही...

लगता है कि कुछ नहीं है
इस जीवन में बचा हुआ,
चक्रव्यूह सा लगता है
ये सारा जीवन रचा हुआ...

एक पल को लगता है आगे बढ़ कर
मैं खुशियों को मुट्ठी में कर लूँ,
फिर महसूस करूँ इनकी खुशबू को
और हँसते-हँसते सीने में भर लूँ...

पर क्या हो जब जीने का
उद्देश्य ही धुंधला पड़ जाये,
कोई राह नज़र ना आ पाए
और कदम ना आगे बढ़ पाए...

अनदेखी अनसुलझी जीवन-रेखा
बन कर आई एक पहेली,
इस व्यूह को भेदने की कोशिश में
मेरी कोई नहीं सहेली...

13 comments:

  1. एक पल को लगता है आगे बढ़ कर
    मैं खुशियों को मुट्ठी में कर लूँ,
    फिर महसूस करूँ इनकी खुशबू को
    और हँसते-हँसते सीने में भर लूँ...


    देर किस बात की...डरते रहोगे तो आगे कैसे बढोगे...आगे नहीं बढे तो आने वाले कल में बीते हुए कल पर आहें भरोगे.

    सुंदर अभिव्यक्ति.

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  2. beautiful, especially these ones
    एक पल को लगता है आगे बढ़ कर
    मैं खुशियों को मुट्ठी में कर लूँ,
    फिर महसूस करूँ इनकी खुशबू को
    और हँसते-हँसते सीने में भर लूँ...

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  3. अनदेखी अनसुलझी जीवन-रेखा
    बन कर आई एक पहेली,
    इस व्यूह को भेदने की कोशिश में
    मेरी कोई नहीं सहेली...

    अच्‍छा लिख रही हैं आप !!

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  4. बहुत अच्छा लिखती हैं आप.
    ..किंकर्तव्यविमूढ़ता तो इस उम्र में होनी ही है क्योंकि यही तो वह उम्र है जो कुरूक्षेत्र से होकर गुजरता है.
    ..बधाई.

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  5. सराहनाओँ के लिए आप सभी का हार्दिक धन्यवाद... आप सबके ये वचन बहुत प्ररित करते हैँ...

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  6. बहुत बढ़िया लगी रचना. बधाई.

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  7. bahut achhi rachna...aur bahut sundar blog

    www.gaurtalab.blogspot.com

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  8. बड़ी कशमकश लिखी है .....कदम आगे बढाओ...रस्ते खुद ब खुद मिल जाते हैं ....

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  9. जीवन का रोमांच और रस तो उसके रहस्‍य बने रहने में ही है. 'बंद तो मुट्ठी लाख की, खुली तो यारों खाक की'.

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  10. mitali ji yahi to khubasurat jindagi ke rahasy hai
    arganikbhagyoday.blogspot.com

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  11. i have no words to say

    i want a poem on reduce the different type of language in india


    bharat ko 1 bhasi hone ke liye

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  12. aapki jeevan rekha to bahut hi saral aur seedhee hai... achha likha hai... in fact bahut achhaa...

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