Tuesday, August 3, 2010

ना जाने क्यों...??

इश्क तो किया था हमने ज़माने सा जुदा,
ना जाने क्यों अंजाम सारे ज़माने सा निकला...

वफ़ा तो थी दोनों की मोहब्बत में मगर,
ना जाने क्यों ये वक़्त ही बेवफ़ा निकला...

सोचा था मंज़िलों पर महफ़िलें सज़ा करेंगी,
ना जाने क्यों हर रास्ता ही तनहा निकला...

इक मुद्दत सी हो गयी वो शहर छोड़े हुए,
ना जाने क्यों वहाँ कोई अपना ना निकला...

दिल ने कई अरमान, कई सपने सजाए थे,
ना जाने क्यों मेरे अरमानों का जनाज़ा निकला...

एक दर्द सा उठा आज फिर सीने में कहीं,
ना जाने क्यों आज भी हर ज़ख्म ताज़ा निकला...

कहना तो चाहा था बहुत कुछ तुझसे, मगर
ना जाने क्यों हर अल्फाज़ अधूरा निकला...

माँगा तो बहुत था तुझे दुआओं में हमेशा,
ना जाने क्यों मेरी किस्मत में तू ही ना निकला...

8 comments:


  1. मिताली जी, आज पहली बार आपके ब्लॉग पर आया हूँ। आपकी रचना में मौलिकता और भावनाओं की सोंधी गंध देखकर अच्छा लगा। इसी तरह लिखती रहें, हमारी यही दुआ है।

    …………..
    स्टोनहेंज के रहस्य… ।
    चेल्सी की शादी में गिरिजेश भाई के न पहुँच पाने का दु:ख..

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  2. सुन्दर और भाव भरी रचना

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  3. मिताली जी
    बहुत ख़ुशी की बात है , आपने अपनी भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए छंद को माध्यम चुना है ।
    आप मुक्त छंद में सहजता महसूस करें तो वैसे ही लिखिए ।

    अच्छी छांदस रचनाएं पढ़ने में अधिक रुचि लें , तो आपके भीतर से और श्रेष्ठ ग़ज़ल गीत सृजित होंगे ।
    ना जाने क्यों...?? के अलावा भी आपकी रचनाएं पढ़ीं ,
    बहुत बहुत शुभकामनाएं हैं !

    शस्वरं पर भी आपका हार्दिक स्वागत है , अवश्य आइएगा…

    - राजेन्द्र स्वर्णकार
    शस्वरं

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  4. मिताली क्या कहूं?
    शायद ये तुम्हारे लिए एक रचना मात्र है, मेरी तप जैसे हकीकत बयाँ कर दी है तुमने!
    मुझ जैसे हसोड़ को रुला दिया.... ये क्या किया?!?!?!
    खुश रहो!

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  5. वक्त के साथ-साथ निखार आता जा रहा है

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  6. aaj pahli baar aapke blog par aaya,ye rachna sabse acchi lgi,main bhi kuch likhne ki koshish karta hoon,samay mile to jarur aaiyega,
    nadaanummidien.blogspot.com

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  7. aap akele hi is duniyan me hi nahi ishk kiye hai karaib karib hr insan ne kiya hai sach to yah hai ki sabhi ke sath aisa huaa log isliye nahi kahate ki log kya kahenge badanami hogi lekin ishk ke marij to sabhi hai shayad kisi ko mil gaya ho ?
    arganikbhagyoday.blog.spot.com

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