Monday, June 7, 2010

जीने के लिए...

सिर्फ सांस लेना ही जरुरी नहीं जीने के लिए,
कभी कुछ अरमान भी सजाना जीने के लिए...


इक मंजिल का तकाज़ा जरुरी है जीने के लिए,
बस मुश्किलों से कभी ना हारना जीने के लिए...


खुशियों के हर पल ढूंढना जीने के लिए,
पर ग़मों से कभी ना डरना जीने के लिए...


आसमान छूने का हौसला रखना जीने के लिए,
पर अपनी ज़मीन ना छोड़ना जीने के लिए...


रास्ते खुद-ब-खुद बन जायेंगे "जिंदगी" जीने के लिए,
बस उम्मीदों का दामन थामे रखना जीने के लिए...

3 comments:

  1. कविता अच्छी है... बहुत अच्छी है...
    लेकिन ऐसा कल्पनाओं में ही अच्छा लगता है..
    :(
    उम्मीदें रखने पर बार-बार असफलता मिले तो क्या किया जाए ?

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  2. kalpanayein bhi aap hi ka hissa hoti hain aur jeene ka sahara bhi...aisa mera maan'na hai...asafaltaon se darke kab tak ummeedon se bhagte rahenge...

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